Mimicry In Sindhi by Ashok Manwani at Sita Sindhu Bhavan,Santacruz East at Sita Sindhu Bhavan show 602 recorded on 10th February - 2019 Website: http://www.SitaSindhuBhavan.com
Akhand Sindhu Sansar Present"s Interview Filim Star : Vishal Vatwani Interviewer : Ashok Manwani Videography : Rajeah Manwani Produced by : Gyanchand Lalwani
Akhand Sindhu Sansar Present"s Face To Face Filim Producer Kamal Nathani Interviewer : Ashok Manwani Videography : Rajeah Manwani Produced by : Gyanchand Lalwani
Akhand Sindhu Sansar Present"s Face To Face Filim Producer Pahlaj Nihalani Interviewer : Ashok Manwani Videography : Rajeah Manwani Produced by : Gyanchand Lalwani
Interview of Ram jawaharani taken by Ashok Manwani, Videography Rajesh Manwani Producer Gyanchand lalwani, Produced by AKHAND SINDHU SANSAR
Akhand Sindhu Sansar Present"s Face To Face Freedom Fighter KIRAT BABANI Interviewer : Ashok Manwani Videography : Rajeah Manwani Produced by : Gyanchand Lalwani
Akhand Sindhu Sansar Present's Face To Face Film Artist Mac Mohan Interviewer : Ashok Manwani Videography : Rajeah Manwani Produced by : Gyanchand Lalwani :मैकमोहन वो कलाकार, जो साधारण संवाद को भी बेहतरीन बनाने का हुनर रखते थे। फिल्म शोले का वो डायलॉग कौन भूल सकता है जब गब्बर सिंह पूछता है, "कितना इनाम रक्खे है सरकार हमपर" तो टीले पर बैठा हुआ सांभा यानि मैकमोहन बताता है, पूरे पचास हजार। शोले फिल्म के तमाम यादगार डायलॉग्स में मैकमोहन का ये दमदार डायलॉग भी सबकी जुबान पर बना रहा। मैक मोहन अधिकतर फिल्मों में विलेन के किरदार में ही नजर आए हैं। कराची में पैदा हुए मैकमोहन कहते थे कि फिल्मों में उनका आना सिर्फ एक इत्तिफाक था। उनके पिता भारत में ब्रिटिश आर्मी में कर्नल थे। मैकमोहन को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था और वो क्रिकेटर बनना चाहते थे। साल 1940 में उनके पिता का ट्रांसफर कराची से लखनऊ हो गया, फिर मैकमोहन की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ में ही हुई। इसके बाद कुछ दिनों के लिए वो मसूरी भी रहे। मैकमोहन ने बताया था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम के लिए भी खेला था और फिर उन्होंने तय कर लिया कि अब उन्हें क्रिकेटर बनना है, जिसके लिए वे साल 1952 में मुंबई आ गए , लेकिन मुंबई आने के बाद उन्होंने जब रंगमंच को देखा तो उनकी इसमें रुचि जाग गई। साल 1964 में फिल्म 'हकीकत' से अपने करियर की शुरुआत की थी। अपने 46 साल के करियर में उन्होंने 175 फिल्मों में काम किया। फिल्म 'डॉन', 'कर्ज', 'सत्ते पे सत्ता', 'काला पत्थर', 'रफू चक्कर', 'शान' और 'शोले' में उनके काम बेहद सराहा गया। नवंबर 2010 में जब मौकमोहन 'अतिथी तुम कब जाओगे' की शूटिंग कर रहे थे तो उनकी तबियत खराब हुई। तभी उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके फेफड़ों में ट्यूमर है। इसके बाद उनका लंबा इलाज चला लेकिन उनकी तबियत लगातार बिगड़़ती गई। एक साल बाद ही,10 मई 2010 को मैकमोहन ने अंतिम सांस ली।
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